आत्म बोध ही भारतीय ज्ञान प्रणाली का मूल तत्त्व- प्रो0 प्रबुद्ध मिश्र
सुजानगंज
क्षेत्र के रघुवीर महाविद्यालय थलोई मे आयोजित दो दिवसीय भारतीय ज्ञान प्रणाली में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विषय पर राष्ट्रीय गोष्ठी का हुआ समापन.
हमारी भारतीय ज्ञान प्रणाली बहुत ही समृद्धशाली है। इसी भारतीय ज्ञान विज्ञान के माध्यम से आज हम विश्व गुरु की श्रेणी में है। हमें अपने प्राचीन परंपराओं को सजोने एवं आत्मबोध जागृत करने की आवश्यकता है। उक्त बातें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के प्रोफेसर प्रबुद्ध मिश्रा ने बतौर मुख्य अतिथि रघुवीर महाविद्यालय थलोई, भिखारीपुर कला में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहीं।
संगोष्ठी की सारस्वत अतिथि प्रो0 विशाखा शुक्ला संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी ने कहा कि प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग कर हमें अपने शिक्षा पद्धति को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है। संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ सुनीता गुप्ता प्रोफेसर राजा कृष्ण दत्त पीजी कॉलेज जौनपुर , प्रो0 राजेश तिवारी नेहरू ग्राम भारती डीम्ड विश्वविद्यालय प्रयागराज,डॉ राजेश कुमार तिवारी एमएड विभागाध्यक्ष राजा कृष्ण दत्त पीजी कॉलेज जौनपुर, अमरजीत जायसवाल खंड शिक्षा अधिकारी मछली शहर ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ0 जयप्रकाश तिवारी ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की सफलता के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापक एवं छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की छात्रा श्वेता तिवारी,पलक, श्रद्धा शुक्ला, लक्ष्मी यादव ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 अवधेश कुमार श्रीवास्तव कार्यक्रम के समन्वय डॉ0 शारदा प्रसाद सिंह डॉ विनय कुमार त्रिपाठी, प्रभाकर मणि, राकेश तिवारी, डॉ0 सोहन लाल यादव डॉ0 संजू शुक्ला, अनिल, मयंक, डॉ0 अभिषेक मिश्रा आदि लोग के साथ छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।