हम नईहर जाएम,छठ बरत उठाएम,
कोसी भरम दियना जराई के,
पूजा करब छठी माई के।
असो के छठ जाके,नईहर में करब,
बड़ी मंगलदायक, हँ परब।
सुनले बानी छठी, माई के कहानी,
अपना नानी के,हम ज़ुबानी।
हम नियम से धेयान लगाई के..
पूजा करब छठी माई के।
छठी माई खुश होके,दिहे आशीष,
ओकर कवनो ना, लिहे ऊ फीस।
किरिपा से उनका,शूल बनी जाई फूल,
सही सलामत ,रही सारा कुल।
दीपक जंजाल से दूर जाई के..
पूजा करब छठी माई के।
दीपक तिवारी
श्रीकरपुर,सिवान।