गरीबी की आग में झुलसता बचपन
बच्चों का भविष्य अंधकार में देख रुकी बिहार की बिटिया और बच्चों से किया वादा
वाराणसी
देश के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के सुभाष नगर में गरीबों की आग में झुलस्ता बचपन ये बता रही है कि आज भी हमारे देश में कितनी गरीबी है लोगों के पास ना तो रहने को घर है ना खाने को रोटी यह मासूम बच्चे अपने माता-पिता के साथ छोटी सी उम्र में कड़कती ठंड में घर का चूल्हा जल सके इसलिए लड़कियां इकट्ठा कर रहे हैं। वहीं पर जब काजल कुमारी की निगाहें इन बच्चों को इस हाल में देखा तो उनके पास गई उनसे बात किया तो पता चला कि उनमें से कुछ बच्चों के पिता नहीं है केवल मां हैं जो बच्चों का भरण पोषण करने के लिए चौका बर्तन का काम करती हैं। काजल कुमारी ने उन बच्चों के साथ जाकर उनका घर देखा तो वो हैरान रह गई वहा कुछ बच्चे ज़मीन पर ही सोए हुए थे। ये सोच में पड़ गई कि इन मासूमों के रहने के लिए छत भी नहीं है। ये गरीबी का नजारा यूपी के बनारस का है जहां गरीबी की आग में बचपन जलने को मजबूर हैं। काजल कुमारी ने इन बच्चों को जरुरत का थोडा बहुत खाद्यान्न पदार्थ एव कुछ ज़रूरी समान दिया और इनसे कहा है कि ये इनके इस हालत को दूर करने की कोशिश करेंगी और इनके दुःख दर्द को दूर करने के लिए इनकी बातो को सरकार तक पहुचायंगी। बिहार से लेकर यूपी तक काजल कुमारी ने अपने मानव धर्म को निभाया है।और लोगो की समस्याओं को दूर करने में लगी रहती हैं। ये सिर्फ 19 साल की है अपने उम्र से बड़ी सोच और विचार इनको और महान बनाते हैं आज की युवा पीढ़ी के लिए ये एक मिशाल है । ये बिहार के छोटे से गांव पनैला की रहने वाली है और वर्तमान में ये बिहार की राजधानी पटना में रहती हैं। हमें गर्व है इनपर कि ये लोगो की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनका समाधान करती हैं। इन्होंने उन बच्चों की पढ़ाई की जिमेवारी लेने के लिए कई NGO में बात की है। और बच्चो की मां को जीविका दीदी में काम दिलाने के लिए भी ये प्रयासरत हैं। आवास योजना दिलाने के लिए उन्होंने उस इलाके के वार्ड पार्षद से भी अपील की है । बिहार की ये बेटी पुरे देश में बिहार का नाम रौशन कर रही.
बिहार की बेटी काजल कुमारी
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