जौनपुर
बैठक में उपसंचालक चकबंदी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में कुल 63 ग्राम चकबंदी प्रक्रिया के अधीन है। इस वित्तीय वर्ष में चकबन्दी निर्देशालय द्वारा 36 ग्रामों का धारा 52 कराये जाने का लक्ष्य प्रस्तावित है। जिसमें 22 ग्रामों में माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से ग्राम का कार्य प्रभावित है जिसपर जिलाधिकारी द्वारा स्थगन आदेश से प्रभावित ग्रामों के संबंध में निर्देशित किया गया कि आदेश की प्रकृति के सम्बन्ध में बंदोंबस्त अधिकारी चकबंदी मूल कारण विश्लेषण (त्ववज ब्ंनेम ।दंसलेपे) करते हुए विस्तृत आख्या प्रस्तुत करें ताकि शासन को पत्र भेजकर उक्त आदेश के सम्बन्ध में मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके। यह भी निर्देशित किया गया कि स्थगन के सम्बन्ध में विश्लेषण के यह तथ्य यदि संज्ञान में आता है कि प्रक्रियात्मक त्रुटि आदेश पारित करने वाले अधिकारी से हुई है तो माननीय उच्च न्यायालय में विभाग की तरफ से शीघ्र निस्तारण प्रार्थनापत्र तथा लिस्टिंग कराके याचिका निस्तारित करायें।
बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी द्वारा बताया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 7 ग्रामों का धारा 52 का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। चकबन्दी आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देशानुसार 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित ऐसे ग्राम जिनका कब्जा परिवर्तन नही हुआ है, का ग्रामों में आदेशानुसार बैठक कर वास्तविक आधार पर ही धारा-6(1) के अन्तर्गत आख्या प्रेषित की जाए।
अभिलेख जीर्ण-शीर्णध् अभाव के आधार पर धारा 6(1) का प्रस्ताव प्रेषित न किया जाय। निर्देशित किया गया कि अधीनस्थों पर कठोर नियन्त्रण रखते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जाय। ग्राम में चकबंदी अदालत लगाकर मौके पर ही वादों का निस्तारण किया जाय। कठोर चेतावनी देते हुए वर्ष से पुनाने वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिन ग्रामों के अभिलेख जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं उनका पुनर्निर्माण कर यथाशीघ्र चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण की जाए।
बैठक में सोमनाथ मिश्र उपसंचालक चकबंदी, विनोद कुमार वर्मा बन्दोवस्त अधिकारी चकबन्दी तथा समस्त चकबंदी अधिकारी एवं सहायक चकबंदी अधिकारी उपस्थित रहे।
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